बचपन से देखी एक मूर्त कहते जिसे हम माँ की सूरत, थामकर उंगली ,सिखाया चलना दिखाया प बचपन से देखी एक मूर्त कहते जिसे हम माँ की सूरत, थामकर उंगली ,सिखाया चलना...
निंदिया चुपके से, अँखियों में आ जा ना । माँ वाली लोरी तू , मुझको सुना जा ना ॥ निंदिया चुपके से, अँखियों में आ जा ना । माँ वाली लोरी तू , मुझको सुना जा ना ॥
रातों के नींद फिर से गायब कर के, तू ना जा रातों के नींद फिर से गायब कर के, तू ना जा
में मानूं क्यूँ में ठानू क्यूँ जब दर्शन ना दे सकता तू सब बोलते हैं अंतर्यामी जब भाव धधकते ज्वाला से ... में मानूं क्यूँ में ठानू क्यूँ जब दर्शन ना दे सकता तू सब बोलते हैं अंतर्यामी जब ...
नायिका - लगइबा ना मसकिया ये सइया जी। नायिका - लगइबा ना मसकिया ये सइया जी।
दिल ढूंढता है नज़र जाती है जहां तक ! दिल ढूंढता है नज़र जाती है जहां तक !